



पहलगाम आतंकी हमले को लेकर महाराष्ट्र के एक युवक आदर्श राउत का बड़ा दावा सामने आया है। युवक के अनुसार उसने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले से ठीक एक दिन पहले एक संदिग्ध हमलावर से बातचीत की थी।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल है। इसी बीच महाराष्ट्र के जालना जिले के रहने वाले एक युवक आदर्श राउत ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। राउत के मुताबिक, हमले से ठीक एक दिन पहले उसकी मुलाकात एक संदिग्ध व्यक्ति से हुई थी, जिससे उसकी बातचीत भी हुई।
‘हिंदू हो क्या? कश्मीरी नहीं लगते’
राउत ने बताया कि 21 अप्रैल को वह बायसरन घाटी में घुड़सवारी करने गया था। वहां एक मैगी स्टॉल पर खाना खाते वक्त एक अजनबी उसके पास आया और उससे पूछा—”हिंदू हो क्या? तुम कश्मीरी नहीं लगते।” राउत ने कहा कि यह सवाल सुनकर वह थोड़ा असहज हो गया। इसके बाद उस संदिग्ध ने अपने साथी से कहा, “आज भीड़ कम है।”
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राउत ने आगे बताया कि उस समय उसे बातचीत थोड़ी अजीब जरूर लगी थी, लेकिन जब अगली सुबह आतंकी हमला हुआ, तब जाकर उसे सारी बात समझ में आई। राउत का कहना है कि हमले के बाद जब एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने तीन संदिग्धों के स्केच जारी किए, तो उनमें से एक का चेहरा उसी व्यक्ति से मेल खाता था, जिससे उसकी बायसरन घाटी में मुलाकात हुई थी।
एनआईए को भेजी गई पूरी जानकारी
राउत ने बताया कि उसने उस संदिग्ध व्यक्ति से हुई बातचीत, घटना की लोकेशन, तारीख और अन्य जरूरी जानकारी एक विस्तृत ईमेल के माध्यम से एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को भेज दी है। इसमें यह भी बताया गया है कि वह मैगी स्टॉल पर खाना खाने के बाद नेटवर्क की समस्या के कारण तुरंत भुगतान नहीं कर सका था, लेकिन बाद में स्टॉल वाले का फोन नंबर लेकर उसने ऑनलाइन पैसे भेज दिए।
राउत ने कहा कि अगर जांच एजेंसियां उससे संपर्क करती हैं, तो वह पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है। हालांकि, अब तक एनआईए की ओर से उसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
पहलगाम आतंकी हमला: एक झलक
बता दें कि 22 अप्रैल, मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने भयानक हमला करते हुए पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई। सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने बायसरन घाटी में पहले पर्यटकों से उनका धर्म और पहचान पूछी, फिर ‘हिंदू’ होने की पुष्टि के बाद गोलियां चला दीं। मारे गए 26 लोगों में अधिकतर पर्यटक थे, जबकि दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग भी शामिल थे।