



मास्को: रूस ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को पूरा सहयोग देने का भरोसा दिलाया है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत के बहुदलीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान के आतंकवाद का पर्दाफाश करने के लिए रूस सहित कई देशों का दौरा कर रहा है। रूस ने भारत की इस मुहिम का समर्थन करते हुए आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त रूप से काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। इस तरह, आतंक के खिलाफ संघर्ष में रूस भारत का सबसे विश्वसनीय साझेदार बनकर उभरा है।
रूस के इस समर्थन से आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला पाकिस्तान और उसका सहयोगी चीन चिंता में पड़ सकते हैं। हाल ही में 22 अप्रैल को कश्मीर में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों और उनके सहयोगी सैन्य अड्डों को मिसाइल हमले से तबाह कर दिया था। इसके बाद, भारत के बहुदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को रूस के साथ आतंकवाद विरोधी लड़ाई पर व्यापक चर्चा की और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पूरी जानकारी भी साझा की।
रूसी अधिकारियों से मुलाकात के बाद आया बड़ा बयान
भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद रूस ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का मजबूती से साथ देने का ऐलान किया है। यह घोषणा रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रे रुडेंको ने मुलाकात के बाद की। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि बैठक के दौरान क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और गहरा करने पर सहमति बनी। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (DMK) की लोकसभा सांसद कनिमोई के नेतृत्व में यह बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल, पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जागरूक करने के लिए पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में गुरुवार रात मास्को पहुंचा था।
ब्रिक्स देशों समेत रूस भी भारत के साथ आतंक के खिलाफ मोर्चे पर
विदेश मंत्रालय ने बताया कि रूस ने आतंकवाद के हर रूप के खिलाफ बिना किसी समझौते के भारत के साथ मिलकर निर्णायक रूप से लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। साथ ही रूस ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर—विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे मंचों पर—भारत के साथ घनिष्ठ सहयोग बढ़ाने को तैयार है। ये सभी देश भी आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन कर रहे हैं।
भारतीय सांसदों और रूसी संसद के बीच विस्तृत चर्चा
भारतीय बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल ने रूसी संसद (फेडरेशन असेंबली) के सभी दलों के सदस्यों से मुलाकात की। इस चर्चा का नेतृत्व रूस की ड्यूमा (निचले सदन) की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के अध्यक्ष और लिबरल-डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता लियोनिद स्लटस्की ने किया। दोनों पक्षों के बीच आतंकवाद पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ।
रूस ने पहलगाम हमले की की कड़ी निंदा
रूस में भारतीय दूतावास की ओर से जारी एक पोस्ट में बताया गया कि प्रतिनिधिमंडल ने रूस की फेडरेशन काउंसिल के सीनेटरों और अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रथम उपाध्यक्ष आंद्रेई डेनिसोव से भी मुलाकात की। पोस्ट के अनुसार, रूसी प्रतिनिधियों ने पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करते हुए भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की। रूस ने स्पष्ट कहा कि वह आतंकवाद के हर स्वरूप के उन्मूलन में भारत के साथ खड़ा है और दोनों देशों की इस मुद्दे पर सोच और रुख पूरी तरह से एक जैसा है।
प्रतिनिधिमंडल का स्वागत रूस के उप विदेश मंत्री आंद्रेई रुडेंको ने मॉस्को स्थित ऐतिहासिक स्मोलेंस्काया स्क्वायर स्थित विदेश मंत्रालय भवन में गर्मजोशी से किया।