



अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे ट्रेड वॉर में अब एक नया मोड़ आता दिख रहा है। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जो कभी चीन के खिलाफ सख्त रुख के लिए जाने जाते थे, अब अपने सुरों में नरमी लाते दिख रहे हैं। हाल ही में दिए गए बयानों और चीन से संभावित डील की चर्चाओं ने ये सवाल खड़े कर दिए हैं — क्या ट्रंप ने इस आर्थिक जंग में हार मान ली है?
ट्रंप प्रशासन के दौरान अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाए थे, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव चरम पर पहुंच गया था। लेकिन अब ट्रंप की ओर से संकेत मिल रहे हैं कि भविष्य में संबंधों को ‘रीसेट’ करने की जरूरत है।
क्या है ट्रंप की रणनीति?
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बदलाव ट्रंप की आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जहां वे सख्त नेता के साथ-साथ व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश कर रहे हैं। चीन से बेहतर व्यापार समझौता करना और अमेरिकी किसानों व कंपनियों को राहत देना शायद अब उनकी प्राथमिकता बन गया है।
चीन का रुख कैसा है?
चीन ने अब तक इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन इस तरह के संकेत दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों के नए दौर की ओर इशारा करते हैं।
निष्कर्ष:
ट्रंप के इस बदले रुख ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है — क्या यह समझदारी है या मजबूरी? क्या यह अमेरिका की आर्थिक नीति में बदलाव का संकेत है, या फिर चीन की कूटनीतिक जीत?
आपको क्या लगता है — यह रणनीतिक बदलाव है या ट्रेड वॉर की ‘अनकही हार’? अपनी राय कमेंट में ज़रूर बताएं।