



Kailash Mansarovar Yatra 2025: पांच साल के लंबे अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर से शुरू हो रही है। इस वर्ष जून से भारतीय तीर्थयात्रियों को एक बार फिर कैलाश मानसरोवर की पवित्र यात्रा का अवसर मिलेगा।
भारत और चीन के बीच बनी आपसी सहमति के बाद बुधवार को विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा के लिए 750 भाग्यशाली यात्रियों के नामों की घोषणा की, जिनका चयन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया गया। चयनित यात्रियों को सूचना SMS और ईमेल के जरिए भेज दी गई है।
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी और भारत-चीन के बीच बढ़े तनाव के कारण 2019 से यह यात्रा स्थगित थी। अब हालात सामान्य होने के बाद एक बार फिर श्रद्धालु इस आध्यात्मिक यात्रा पर निकल सकेंगे।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 के लिए जून से अगस्त के बीच कुल 15 जत्थे रवाना किए जाएंगे, जिनमें प्रत्येक जत्थे में 50 यात्री शामिल होंगे। इनमें से 5 जत्थे लिपुलेख मार्ग से यात्रा करेंगे, जबकि शेष 10 जत्थे नाथु ला मार्ग से अलग-अलग समय पर रवाना होंगे।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि दोनों मार्गों को काफी हद तक वाहन योग्य बना दिया गया है, जिससे तीर्थयात्रियों को पैदल यात्रा बहुत कम करनी पड़ेगी। इससे यात्रा अब पहले की तुलना में अधिक सुगम और सुविधाजनक हो गई है।
लिपुलेख मार्ग: इस वर्ष 50-50 यात्रियों के 5 जत्थे लिपुलेख मार्ग से कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर रवाना होंगे।
नाथु ला मार्ग: वहीं, 50-50 यात्रियों के 10 जत्थे नाथु ला मार्ग से अलग-अलग तिथियों पर यात्रा करेंगे।
यात्रियों को अपने चयन की स्थिति जानने के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा की आधिकारिक वेबसाइट https://kmy.gov.in पर लॉग इन करना होगा या हेल्पलाइन नंबर 011-23088133 पर संपर्क कर सकते हैं।
यात्रियों का चयन कैसे हुआ?
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्द्धन सिंह की मौजूदगी में आयोजित एक कार्यक्रम में कंप्यूटर आधारित लॉटरी प्रणाली के जरिए चयनित यात्रियों के नाम निकाले गए। विदेश मंत्रालय का कहना है कि यह प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष रही।
इस वर्ष यात्रा के लिए कुल 5,561 लोगों ने पंजीकरण कराया था, जिनमें 4,024 पुरुष और 1,537 महिलाएं शामिल थीं। इनमें से केवल 750 भाग्यशाली यात्रियों का चयन किया गया है।
2019 में बंद हुई थी कैलाश मानसरोवर यात्रा
कैलाश मानसरोवर यात्रा 2019 में कोरोना महामारी और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ के कारण भारत-चीन संबंधों में तनाव बढ़ने पर रोक दी गई थी।
इस पवित्र यात्रा को फिर से शुरू करने का फैसला अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात में हुआ। दोनों नेताओं ने अप्रैल 2020 से चल रहे तनाव को समाप्त करने पर सहमति व्यक्त की। इसके बाद, दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में कैलाश मानसरोवर यात्रा को पुनः शुरू करने का अंतिम निर्णय लिया गया।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने पाकिस्तान का समर्थन किया
मानसरोवर यात्रा के पुनः आरंभ होने का यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब चीन ने “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया है। पाकिस्तान ने चीन से खरीदे गए हथियार और मिसाइलें भी इस्तेमाल की हैं। हाल ही में चीन के विदेश मंत्री वांग यी की पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री ईशाक दार से बैठक हुई, जिसमें चीन ने पाकिस्तान की सेना को और अधिक अत्याधुनिक हथियार और सैन्य उपकरण देने का आश्वासन दिया।