



जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इसी बीच, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के प्रधानमंत्री चौधरी अनवारुल हक ने एक भड़काऊ बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है।
अनवारुल हक ने हमले को बलूचिस्तान की घटनाओं का जवाब बताया और कहा, “PoK के लड़ाके पहले भी ऐसे हमलों में शामिल रहे हैं और भविष्य में और मजबूती से हिस्सा लेंगे।” उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा, “अगर खून बहाना पड़े तो भी हम पीछे नहीं हटेंगे। बलूचिस्तान में पाकिस्तानियों का खून बहाओगे तो उसकी कीमत दिल्ली से लेकर कश्मीर तक चुकानी पड़ेगी।”
भारत की कड़ी प्रतिक्रिया से पाकिस्तान में हलचल
पहलागाम हमले के बाद भारत द्वारा लिए गए सख्त फैसलों से पाकिस्तान की सरकार में खलबली मच गई है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की आपात बैठक बुलाई, जिसमें भारत के खिलाफ कड़े कदमों पर सहमति बनी।
बैठक के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी व्यापारिक संबंध समाप्त करने की घोषणा की और भारतीय विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया। इसके साथ ही इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास में कार्यरत सैन्य सलाहकारों को 30 अप्रैल तक पाकिस्तान छोड़ने का आदेश दे दिया गया।
सिंधु जल संधि पर मतभेद
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने पर पाकिस्तान ने तीखी आपत्ति जताई है और इसे “युद्ध जैसी कार्रवाई” बताया। पाकिस्तान ने कहा कि वह इस मुद्दे को विश्व बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएगा, क्योंकि भारत को एकतरफा फैसला लेने का अधिकार नहीं है।
राजनयिक स्टाफ में कटौती
पाकिस्तान ने यह भी फैसला किया है कि भारत और पाकिस्तान दोनों के दूतावासों में केवल 30-30 अधिकारी ही कार्यरत रहेंगे।
निष्कर्ष: PoK के प्रधानमंत्री का उग्र बयान और पाकिस्तान के प्रतिउत्तर में लिए गए फैसलों ने भारत-पाक संबंधों को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है। आने वाले समय में यह टकराव और गंभीर रूप ले सकता है।