



नई दिल्ली: भारत सरकार के उच्च स्तरीय अधिकारियों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल शामिल हुए। यह बैठक देश की आंतरिक सुरक्षा, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और रणनीतिक मसलों की समीक्षा के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
बैठक के मुख्य उद्देश्य
यह हाई-लेवल मीटिंग भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े अहम मुद्दों पर केंद्रित रही। अधिकारियों ने सीमावर्ती क्षेत्रों की सुरक्षा, वैश्विक कूटनीतिक हालात और भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं पर गहन चर्चा की।
अहम बिंदु जो बैठक में उठाए गए:
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सीमावर्ती सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा
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भारत के पड़ोसी देशों के साथ सीमा सुरक्षा को लेकर विस्तार से चर्चा हुई।
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ड्रोन गतिविधियों, घुसपैठ और आतंकी गतिविधियों पर नजर रखने के उपायों पर विचार किया गया।
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वैश्विक कूटनीतिक हालात
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वर्तमान वैश्विक हालात, जैसे यूक्रेन-रूस युद्ध, मिडिल ईस्ट में तनाव और भारत-अमेरिका संबंधों को लेकर रणनीति तय की गई।
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भारत की विदेश नीति को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में कदमों पर सहमति बनी।
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राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियां
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साइबर सिक्योरिटी, आतंकी नेटवर्क, और आंतरिक खुफिया एजेंसियों के समन्वय को लेकर चर्चा की गई।
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आने वाले महीनों में चुनावों को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी हुई।
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भारतीय हितों की वैश्विक रक्षा
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भारत के नागरिकों और प्रवासी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रणनीतियों पर चर्चा हुई।
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विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय के बीच समन्वय बढ़ाने के उपाय तय किए गए।
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NSA डोभाल की भूमिका
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बैठक में इंटेलिजेंस इनपुट और सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। उन्होंने साइबर हमलों और आतंकी नेटवर्क की गतिविधियों पर अलर्ट जारी किया और इनके समाधान के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया।