



राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने वक्फ संशोधन बिल पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि यह बिल स्वीकार्य नहीं है और उनकी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करेगी। तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए और इसे अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर हमला बताया।
वक्फ संशोधन बिल का विरोध क्यों?
तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी RJD का कहना है कि वक्फ संशोधन बिल के माध्यम से सरकार धार्मिक संपत्तियों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है, जो असंवैधानिक है। उनका तर्क है कि यह कदम मुस्लिम समुदाय की स्वायत्तता और धार्मिक संस्थानों के अधिकारों को कमजोर करेगा।
तेजस्वी यादव के प्रमुख बयान
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लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता पर हमला – तेजस्वी यादव ने कहा कि यह बिल धर्मनिरपेक्षता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और इससे वक्फ बोर्ड के अधिकारों का हनन होगा।
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अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा – उन्होंने कहा कि यह कानून अल्पसंख्यकों की संपत्तियों को सरकार के नियंत्रण में लेने की साजिश है, जिसका उनकी पार्टी पुरजोर विरोध करेगी।
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संसद में विरोध जारी रहेगा – तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि यदि केंद्र सरकार इस बिल को आगे बढ़ाती है, तो RJD इसके खिलाफ संसद और सड़क दोनों स्तरों पर संघर्ष करेगी।
विपक्ष का रुख
RJD के अलावा कई अन्य विपक्षी दलों ने भी इस बिल पर आपत्ति जताई है। विपक्षी दलों का कहना है कि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन धार्मिक संगठनों के अधिकार क्षेत्र में होना चाहिए और इसमें सरकार का हस्तक्षेप अनुचित है।
राजनीतिक असर
तेजस्वी यादव के इस बयान से साफ हो गया है कि वक्फ संशोधन बिल एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। बिहार में मुस्लिम मतदाता RJD के परंपरागत समर्थक रहे हैं, और इस मुद्दे पर मुखर विरोध दर्ज कराकर तेजस्वी यादव अपनी राजनीतिक पकड़ मजबूत करना चाहते हैं।