



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुजरात दौरे के दूसरे दिन गांधीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला। अपने भाषण में उन्होंने इशारों-इशारों में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि शरीर चाहे जितना भी स्वस्थ हो, अगर उसमें कांटा चुभ जाए तो पूरा शरीर असहज हो जाता है। इसी तरह, भारत ने भी ठान लिया है कि वह आतंकवाद के उस कांटे को निकालकर रहेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने अब तक तीन बार पाकिस्तान को युद्ध में हराया है। हमारा हमेशा से यह विचार रहा है कि पड़ोसी देशों को भी सुख और शांति मिले, यही हमारी हजारों वर्षों की परंपरा रही है। लेकिन जब बार-बार भारत की ताकत को ललकारा जाता है, तो यह देश वीरों की भूमि है और जवाब देना जानता है।
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान सीधे युद्ध नहीं, बल्कि प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा है। अगर पहले ही मुजाहिद्दीन को खत्म कर दिया गया होता, तो आज यह स्थिति नहीं होती। पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत आतंकवाद के कांटे को जड़ से उखाड़कर रहेगा।
पाकिस्तान को पीएम मोदी की दो टूक चेतावनी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा, “हम इसे केवल छद्म युद्ध नहीं कह सकते, क्योंकि 6 मई के बाद मारे गए आतंकियों को पाकिस्तान में राजकीय सम्मान दिया गया। उनके ताबूतों पर पाकिस्तानी झंडा लपेटा गया और उनकी सेना ने सलामी दी। इससे यह साफ हो जाता है कि ये आतंकी घटनाएं सिर्फ परोक्ष युद्ध नहीं, बल्कि पाकिस्तान की एक सोची-समझी युद्ध नीति का हिस्सा हैं। अगर वे युद्ध का हिस्सा बन रहे हैं, तो जवाब भी उसी स्तर पर मिलेगा।”
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “आज दुनिया सिंदूरिया सागर की गर्जना को सुन रही है। अगर हमें देश को बनाना और बचाना है, तो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि 140 करोड़ देशवासियों की जिम्मेदारी है। यह ऑपरेशन सेना से शुरू जरूर हुआ है, लेकिन इसे जनबल से जीतना है।”
पीएम मोदी के संदेश में क्या रहा खास?
अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान का नाम 12 बार लिया, आतंकवाद का उल्लेख 11 बार किया, पाकिस्तानी सेना का जिक्र 10 बार किया और पाक जनता का नाम 7 बार लिया। इसके साथ ही उन्होंने भारतीय सेना के शौर्य को 11 बार याद किया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र 9 बार किया।
पीएम मोदी का यह स्पष्ट संदेश था कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी और जब तक आतंकवाद पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता, भारत पीछे नहीं हटेगा। साथ ही उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि अब पाकिस्तान से किसी भी बातचीत का आधार केवल आतंकवाद और पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) रहेगा—अन्य किसी मुद्दे पर चर्चा नहीं होगी।