



भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी संगठनों के ठिकानों को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया है। साथ ही, आतंकियों का समर्थन करने वाली पाकिस्तानी सेना के एयरबेस और हथियारों को निशाना बनाकर उन्हें गंभीर नुकसान पहुंचाया गया, जिससे वे कमजोर हो गए। इसके बाद पाकिस्तान की मिन्नत पर दोनों देशों के बीच संघर्षविराम (सीजफायर) स्थापित हुआ। इस पूरे अभियान के बाद, भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर पहुंचे हैं।
रक्षा मंत्री ने देखा पाकिस्तानी हथियारों का मलबा
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में दागे गए गोले का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने बादामी बाग छावनी में रखे गए कुछ मलबे का भी जायजा लिया। अधिकारियों ने बताया कि रक्षा मंत्री इस दौरान जम्मू-कश्मीर की मौजूदा स्थिति की पूरी समीक्षा करेंगे। यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद उनकी जम्मू-कश्मीर की पहली यात्रा है।
‘हमने उनकी छाती पर घाव किया’ — रक्षा मंत्री का बयान
श्रीनगर में जवानों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत केवल रक्षा करता ही नहीं बल्कि सख्त कार्रवाई भी करता है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर आतंकवाद के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत ने पूरी दुनिया को यह संदेश दे दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। राजनाथ सिंह ने कहा, “उन्होंने भारत के माथे पर वार किया, लेकिन हमने उनकी छाती पर घाव किया है।” उन्होंने पाकिस्तान पर भारत को धोखा देने और छलने का आरोप लगाया और कहा कि इसका खामियाजा पाकिस्तान को भारी कीमत चुकाकर भुगतना पड़ा है।
‘उन्होंने धर्म देखकर मारा, हमने कर्म देखकर जवाब दिया’ — रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा पहलगाम में किए गए आतंकवादी हमले और उसके जवाब में भारत के ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा कि ‘उन्होंने धर्म देखकर हमला किया, लेकिन हमने कर्म देखकर जवाब दिया।’ उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान जहां भी खड़ा होता है, वहीं से मदद मांगने वालों की कतार शुरू हो जाती है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ बादामी बाग छावनी में जवानों के बीच ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने के दौरान राजनाथ सिंह ने जवानों की हिम्मत और साहस की तारीफ की। उन्होंने कहा, “मैं आपकी उस ऊर्जा को महसूस करने आया हूं जिसने दुश्मनों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। आपने जिस तरह सीमा पार पाकिस्तान की चौकियों और बंकरों को ध्वस्त किया, वह दुश्मन कभी नहीं भूल पाएगा। आमतौर पर जोश में होश खो जाता है, लेकिन आपने जोश भी रखा और सूझ-बूझ के साथ दुश्मन के ठिकानों को तहस-नहस किया।”
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि उनके जख्मों का इलाज तभी संभव है जब वे भारत विरोधी और आतंकवादी संगठनों को पनाह देना बंद करें और अपनी जमीन का उपयोग भारत के खिलाफ न होने दें।
उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया ने देखा है कि पाकिस्तान ने कितनी बार गैर-जिम्मेदाराना तरीके से भारत को परमाणु धमकियां दी हैं। आज मैं श्रीनगर की धरती से पूरी दुनिया से सवाल पूछना चाहता हूं — क्या ऐसे धूर्त और गैर-जिम्मेदार राष्ट्र के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं? मेरा मानना है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) की निगरानी में रखा जाना चाहिए।”
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर भी टिप्पणी की और कहा, “पाकिस्तान मांगते-मांगते अपनी हालत इतनी खराब कर चुका है कि कहा जा सकता है कि जहां भी वह खड़ा होता है, वहां मदद मांगने वालों की कतार लग जाती है। अभी हाल ही में उसने IMF से फिर कर्ज़ मांगा है। वहीं, हमारा देश आज उन चुनिंदा देशों में है जो IMF को फंड देते हैं ताकि वह गरीब देशों को कर्ज़ दे सके।”