



जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए चरमपंथी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को कम करने के लिए सऊदी अरब और ईरान ने कूटनीतिक प्रयास तेज़ कर दिए हैं। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी और भारत ने हमले के पीछे सीमापार से संबंध होने का आरोप लगाया है, जिसे पाकिस्तान ने ख़ारिज करते हुए ‘फ़ॉल्स फ़्लैग’ करार दिया है।
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल समझौते को निलंबित करना, बॉर्डर क्रॉसिंग बंद करना और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना शामिल है। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने शिमला समझौते से बाहर निकलने और सिंधु जल समझौते के उल्लंघन को युद्ध की चेतावनी देने जैसा बताया है।
इसी बीच, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराग़ची ने भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश करते हुए दोनों देशों को ‘भाईचारे वाले पड़ोसी’ बताते हुए शांति और समझदारी की अपील की। अराग़ची ने 13वीं सदी के फ़ारसी कवि सादी की कविता का हवाला देते हुए कहा कि मानवता एक शरीर की तरह है और एक अंग के कष्ट से पूरा शरीर पीड़ित होता है। उन्होंने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इसहाक डार से बात कर क्षेत्रीय हालात पर चर्चा भी की।
डार ने भारत के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए किसी भी उकसावे के खिलाफ आगाह किया और ईरान की शांति प्रयासों की सराहना की।
सऊदी अरब भी इस संकट को कम करने में सक्रिय है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि उनकी सऊदी विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान से फोन पर पहलगाम हमले और सीमा पार संबंधों को लेकर बातचीत हुई। दूसरी ओर, पाकिस्तान के विदेश मंत्री डार ने भी प्रिंस फैसल से बात कर पाकिस्तान के कदमों की जानकारी दी और भारत के आरोपों को खारिज किया। दोनों पक्ष क्षेत्रीय हालात पर बातचीत और सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए हैं।
साफ है कि मौजूदा संकट में सऊदी अरब और ईरान दोनों भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद और तनाव कम करने की दिशा में पहल कर रहे हैं।