



22 अप्रैल 2024 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए चरमपंथी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें तीन गुजरात से थे। इस दुखद घटना के बाद पूरे देश में शोक और आक्रोश का माहौल है। भारत सरकार ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और कड़ी कार्रवाई करते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया तथा पाकिस्तानी नागरिकों के वीज़ा रद्द कर दिए।
इसके बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को अपने-अपने राज्यों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसी के तहत गुजरात में अहमदाबाद और सूरत सहित अन्य शहरों में बड़े स्तर पर पुलिस अभियान चलाया गया।
शनिवार तड़के अहमदाबाद, सूरत, राजकोट और महिसागर जिलों में पुलिस ने छापेमारी कर 500 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया। पुलिस के अनुसार, हिरासत में लिए गए अधिकांश लोग बांग्लादेशी नागरिक हैं, जो अवैध तरीके से भारत में प्रवेश कर यहां रह रहे थे। सोशल मीडिया पर इस कार्रवाई के वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें सैकड़ों लोगों को पुलिस काफिले के बीच चलते हुए देखा जा सकता है।
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के संयुक्त पुलिस आयुक्त शरद सिंघल ने बताया कि अब तक 457 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इनसे पूछताछ जारी है, और उनकी नागरिकता व अवैध प्रवास की पुष्टि के लिए जांच की जा रही है। अगर यह साबित होता है कि वे अवैध रूप से भारत आए हैं और फर्जी दस्तावेज बनवाए हैं, तो उनके खिलाफ डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
शरद सिंघल ने पहचान सत्यापन की प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा कि जन्म स्थान, माता-पिता की जानकारी, पहचान पत्र जारी होने की तारीख और बांग्लादेश यात्राओं का रिकॉर्ड जैसे विभिन्न बिंदुओं के आधार पर नागरिकता का निर्धारण किया जाता है।
उन्होंने आगे कहा कि गृह राज्य मंत्री, डीजीपी और अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर के निर्देशों पर घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। अप्रैल 2024 से अब तक अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने दो एफआईआर दर्ज कर 127 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा है, जिनमें से 77 को पहले ही डिपोर्ट किया जा चुका है।
चंदोला क्षेत्र और आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में बांग्लादेशियों के रहने की सूचना के बाद, शुक्रवार रात से पुलिस ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया, जो शनिवार सुबह तक चला। इस ऑपरेशन में क्राइम ब्रांच, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) और विभिन्न जिलों की पुलिस टीमों ने मिलकर भाग लिया।