



गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में आपदा प्रबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि आपदा प्रबंधन न केवल केंद्र सरकार बल्कि राज्य सरकारों की भी जिम्मेदारी है। इस विषय पर केंद्र और राज्यों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि प्राकृतिक आपदाओं और मानव निर्मित आपदाओं से प्रभावी रूप से निपटा जा सके।
आपदा प्रबंधन: केंद्र और राज्यों की भूमिका
अमित शाह ने संसद में चर्चा के दौरान कहा कि आपदा प्रबंधन संविधान की समवर्ती सूची (Concurrent List) में आता है, जिसका अर्थ है कि इस विषय पर केंद्र और राज्य दोनों की समान भागीदारी होती है। सरकार ने आपदा प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं और नीतियां लागू की हैं।
आपदा प्रबंधन में केंद्र की भूमिका
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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) – केंद्र सरकार ने NDMA (National Disaster Management Authority) की स्थापना की है, जो आपदाओं के लिए नीतियां बनाने और राहत कार्यों को मॉनिटर करने का कार्य करता है।
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राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता – केंद्र सरकार राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) के माध्यम से राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
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आपदा पूर्वानुमान और अलर्ट सिस्टम – केंद्र सरकार ने IMD (भारतीय मौसम विभाग), ISRO और अन्य वैज्ञानिक एजेंसियों के माध्यम से पूर्वानुमान प्रणाली को मजबूत किया है, जिससे आपदाओं से पहले अलर्ट जारी किया जा सके।
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राहत और बचाव कार्य – केंद्र सरकार NDRF (National Disaster Response Force) के माध्यम से आपदा प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से राहत और बचाव अभियान चलाती है।
राज्यों की जिम्मेदारी और भूमिका
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राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) – प्रत्येक राज्य में SDMA (State Disaster Management Authority) का गठन किया गया है, जो स्थानीय स्तर पर आपदा प्रबंधन की रणनीति तैयार करता है।
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स्थानीय प्रशासन की भागीदारी – राज्य सरकारें जिलों और गांवों के स्तर पर DDMA (District Disaster Management Authority) का गठन करती हैं ताकि स्थानीय स्तर पर आपदा राहत कार्यों का बेहतर संचालन हो सके।
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राज्य पुलिस और प्रशासन की भूमिका – राज्यों की पुलिस, होम गार्ड और प्रशासनिक अधिकारी आपदा प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होते हैं और केंद्र की सहायता से राहत कार्य करते हैं।
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स्थानीय समुदायों की भागीदारी – राज्यों को स्थानीय समुदायों, NGOs और स्वयंसेवी संगठनों को शामिल कर आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चलाने चाहिए।
आपदा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए सरकार की पहल
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में यह भी बताया कि सरकार ने आपदा प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई नई योजनाएं लागू की हैं। इनमें निम्नलिखित प्रमुख पहलें शामिल हैं:
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अर्ली वार्निंग सिस्टम (Early Warning System) को मजबूत किया गया है ताकि चक्रवात, बाढ़ और भूकंप जैसी आपदाओं की सटीक भविष्यवाणी की जा सके।
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स्मार्ट सिटी मिशन के तहत आपदा प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए नई तकनीकों को अपनाया जा रहा है।
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बाढ़ और सूखा प्रबंधन के लिए राज्यों को अतिरिक्त फंड मुहैया कराया गया है।
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अग्नि सुरक्षा और भूकंप प्रतिरोधी भवन निर्माण के लिए नए मानक लागू किए गए हैं।