



भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद हाउस, नई दिल्ली में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी से मुलाकात की। इस उच्चस्तरीय बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-कतर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, व्यापार और निवेश सहयोग बढ़ाने, ऊर्जा सुरक्षा, और रणनीतिक साझेदारी पर विस्तृत चर्चा की।
भारत-कतर संबंधों की अहमियत
भारत और कतर के बीच लंबे समय से घनिष्ठ आर्थिक, व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। कतर, भारत के लिए ऊर्जा आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार का प्रमुख हिस्सा प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम उत्पाद हैं। इस बैठक में द्विपक्षीय व्यापार को और अधिक सशक्त बनाने पर विशेष जोर दिया गया।
बैठक के प्रमुख बिंदु
- ऊर्जा सहयोग – भारत, कतर से बड़ी मात्रा में एलएनजी (LNG) आयात करता है। बैठक में ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा हुई।
- व्यापार और निवेश – भारत और कतर के बीच व्यापार बढ़ाने के लिए नए क्षेत्रों की पहचान की गई, जिसमें आईटी, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, स्टार्टअप और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल हैं।
- सुरक्षा और रक्षा साझेदारी – दोनों देशों के बीच रक्षा और आतंकवाद विरोधी सहयोग पर भी बातचीत हुई, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
- भारतीय समुदाय और श्रमिक मुद्दे – कतर में बड़ी संख्या में भारतीय कामगार रहते हैं। बैठक में उनके अधिकारों, सुरक्षा और कल्याण से संबंधित विषयों पर भी चर्चा हुई।
- वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दे – भारत और कतर के नेताओं ने विभिन्न वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया, जिसमें मध्य-पूर्व की स्थिरता और व्यापारिक अवसरों पर विशेष ध्यान दिया गया।
भारत-कतर व्यापार और निवेश के आंकड़े
- द्विपक्षीय व्यापार: भारत और कतर के बीच वार्षिक व्यापार $15 बिलियन से अधिक का है।
- ऊर्जा आपूर्ति: कतर, भारत की LNG आवश्यकताओं का 40% से अधिक आपूर्ति करता है।
- कतर में भारतीय प्रवासी: कतर में लगभग 7 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो वहां की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
PM मोदी और शेख तमीम के बीच बैठक का महत्व
यह बैठक भारत-कतर संबंधों को और अधिक मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री मोदी ने कतर को भारत के प्रमुख व्यापारिक और रणनीतिक साझेदारों में से एक बताया और दोनों देशों के बीच संबंधों को और गहरा करने पर जोर दिया।