



उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन पर सरकार द्वारा ₹1500 करोड़ का निवेश किया गया है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।
महाकुंभ 2025: निवेश और आर्थिक प्रभाव
महाकुंभ मेले को भारत का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन माना जाता है, जो हर 12 साल में आयोजित होता है। इस बार प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 के लिए सरकार ने ₹1500 करोड़ का बजट निर्धारित किया है। इस धनराशि का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा, परिवहन, स्वच्छता और अन्य सुविधाओं के विकास में किया जा रहा है।
अर्थव्यवस्था को कैसे मिलेगा फायदा?
- पर्यटन उद्योग को बढ़ावा – महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु और पर्यटक देश-विदेश से आते हैं, जिससे होटल, गेस्ट हाउस, परिवहन और भोजन उद्योग को बड़ा फायदा मिलेगा।
- स्थानीय व्यवसायों को अवसर – कुम्भ मेले में दुकानदारों, हस्तशिल्पकारों और स्थानीय व्यापारियों को अपनी वस्तुएं और सेवाएं बेचने का सुनहरा अवसर मिलता है।
- रोजगार के नए अवसर – आयोजन के दौरान सफाई, सुरक्षा, परिवहन, टूर गाइड और अन्य क्षेत्रों में अस्थायी और स्थायी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास – सरकार द्वारा सड़कों, ब्रिज, परिवहन सुविधाओं और अन्य बुनियादी ढांचे पर निवेश से प्रयागराज और आसपास के क्षेत्रों का दीर्घकालिक विकास होगा।
- धार्मिक पर्यटन को मजबूती – महाकुंभ के बाद भी प्रयागराज एक प्रमुख तीर्थ स्थल बना रहेगा, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
सरकार की प्राथमिकताएं
CM योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि महाकुंभ 2025 को भव्य और दिव्य बनाने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। जल, सफाई, सुरक्षा, चिकित्सा और यातायात व्यवस्था को पहले से अधिक उन्नत किया जाएगा। डिजिटल इंडिया पहल के तहत, मेले में वर्चुअल गाइड, स्मार्ट सर्विलांस और डिजिटल भुगतान सुविधाओं को भी बढ़ावा दिया जाएगा।