



समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि यदि उनकी पार्टी को मौका मिला, तो वे जातिगत जनगणना जरूर कराएंगे। उनका यह ऐलान समाज के हर वर्ग की समानता और अधिकार सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
जातिगत जनगणना पर अखिलेश यादव का रुख
अखिलेश यादव ने स्पष्ट किया कि जातिगत जनगणना न केवल सामाजिक न्याय को बढ़ावा देगी बल्कि समाज के वंचित और पिछड़े वर्गों की सही स्थिति का पता लगाने में मदद करेगी। इससे सरकार को नीतियां बनाने और योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचाने में आसानी होगी।
जातिगत जनगणना क्यों है जरूरी?
- सामाजिक समानता: जातिगत आंकड़े विभिन्न वर्गों की वास्तविक स्थिति को उजागर करेंगे।
- नीति निर्माण: सरकारी योजनाओं को प्रभावी बनाने में मदद मिलेगी।
- विकास का सही वितरण: वंचित समुदायों को सशक्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जा सकेंगे।
अखिलेश यादव का संदेश
अखिलेश यादव ने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि हर वर्ग को न्याय मिले। जातिगत जनगणना से हमें समाज में छुपी असमानताओं को दूर करने का मौका मिलेगा। यदि हमें सरकार बनाने का मौका मिला, तो यह हमारा पहला कदम होगा।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया
अखिलेश यादव के इस बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। अन्य दलों के नेताओं ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है।