



राज्यसभा में आज विपक्ष ने जोरदार विरोध प्रदर्शन करते हुए वॉकआउट किया। विपक्षी दलों का आरोप है कि उन्हें चीन को लेकर विदेश मंत्री के बयान से जुड़े सवाल उठाने की अनुमति नहीं दी गई। यह मामला संसद सत्र के दौरान गरमाया, जहां चीन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की मांग लगातार हो रही थी। विपक्ष का कहना है कि इस तरह के मुद्दों पर सरकार की चुप्पी देश के लिए चिंताजनक है।
विपक्षी नेताओं ने सरकार पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और पड़ोसी देशों से जुड़े संवेदनशील मामलों पर संसद में चर्चा होना बेहद जरूरी है। दूसरी ओर, सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी प्रासंगिक मुद्दों पर पहले ही बयान दिए जा चुके हैं।
चीन के साथ बढ़ते तनाव और हालिया घटनाओं के मद्देनजर विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा के लिए दबाव बना रहा है। हालांकि, सरकार की ओर से इस पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई, जिससे विपक्ष की नाराजगी और बढ़ गई।
यह घटना संसद के कामकाज में बाधा डालने का एक और उदाहरण बन गई है, जहां दोनों पक्षों के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं। इस वॉकआउट से यह स्पष्ट है कि चीन जैसे अहम मुद्दों पर राजनीतिक सहमति की आवश्यकता है।
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