



2024 के शांति के नोबेल पुरस्कार की घोषणा ने दुनियाभर में ध्यान खींचा, और इस बार यह सम्मान जापान के प्रमुख संगठन निहोन हिडांक्यो (Nihon Hidankyo) को मिला है। यह संगठन परमाणु हमलों के विरोध और परमाणु हथियारों के उन्मूलन की दिशा में किए गए अपने अटूट प्रयासों के लिए पहचाना जाता है।
निहोन हिडांक्यो: शांति और न्याय के प्रतीक
निहोन हिडांक्यो (Japan Confederation of A- and H-Bomb Sufferers Organizations) उन लोगों का प्रतिनिधित्व करता है, जिन्होंने 1945 में हिरोशिमा और नागासाकी पर हुए परमाणु हमलों का दर्दनाक अनुभव झेला है। यह संगठन दशकों से परमाणु हथियारों के खिलाफ जागरूकता फैला रहा है और एक शांतिपूर्ण दुनिया के निर्माण के लिए काम कर रहा है।
परमाणु हथियारों का विरोध
निहोन हिडांक्यो ने परमाणु हथियारों के खिलाफ एक मजबूत आवाज बनकर दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने सरकारों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से अपील की है कि परमाणु हथियारों को खत्म किया जाए और दुनिया को शांति और सुरक्षा की दिशा में आगे बढ़ाया जाए।
नोबेल पुरस्कार की महत्ता
नोबेल शांति पुरस्कार न केवल निहोन हिडांक्यो के दशकों के संघर्ष और प्रयासों की मान्यता है, बल्कि यह संदेश देता है कि दुनिया भर में परमाणु हथियारों के खतरों को कम करना बेहद आवश्यक है। यह पुरस्कार उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है, जो विश्व शांति के लिए काम कर रहे हैं।