



दिल्ली की एक अदालत ने पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई है। उस पर 2015 में 5 साल की बच्ची से बलात्कार करने का आरोप था। अदालत ने दोषी पर जुर्माना भी लगाया है। साथ ही, अदालत ने पीड़िता को 10,50,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली: अदालत ने पॉक्सो से जुड़े मामले में देवेंद्र (26) को 20 साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है। अडिशनल सेशन जज शंकर नारायण की अदालत ने अपने फैसले में कहा कि दोषी को सजा देने के लिए हर प्रावधान के तहत निर्धारित सजा को देखना जरूरी है। अदालत ने कहा कि आईपीसी की धारा 376AB और पॉक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 20 साल से कम की सजा नहीं दी जा सकती, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है। अदालत ने दोषी को लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत दंडित करते हुए 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया।
मामला नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के खजूरी खास इलाके का है। यहां पांच साल की बच्ची अपने परिवार के साथ रहती थी। 15 अक्टूबर 2015 को बच्ची के घर में सफेदी का काम चल रहा था। उसी दौरान देवेंद्र नामक युवक छत पर सफेदी कर रहा था। बच्ची अकेले खेलने के लिए छत पर पहुंची, तभी आरोपी ने बच्ची के साथ रेप किया। बच्ची के नीचे आने पर उसकी हालत देखकर परिवार ने पूछताछ की तो बच्ची ने ‘सफेदी वाले अंकल’ का नाम लिया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर बच्ची को इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती कराया।
सरकारी वकील मसूद अहमद ने केस साबित करने के लिए कई गवाह पेश किए। वहीं, दोषी के वकील ने अदालत से उसकी उम्र और पारिवारिक जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए सजा में नरमी बरतने की अपील की। वकील ने बताया कि देवेंद्र के पिता का निधन हो चुका है और उसके ऊपर मां सहित चार भाई और तीन बहनों की जिम्मेदारी है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोषी को 20 साल सश्रम कैद की सजा सुनाई।
मुआवजा देने का भी आदेश
अदालत ने दोषी को सजा सुनाने के साथ ही पीड़ित बच्ची को मुआवजा देने का भी आदेश दिया। अदालत ने कहा कि वारदात के समय बच्ची की उम्र पांच साल थी, जो अब नौ साल की हो चुकी है। दिल्ली पीड़ित मुआवजा योजना, 2018 के तहत वह अधिकतम निर्धारित राशि और 50 पर्सेंट अतिरिक्त मुआवजे की हकदार है। अदालत ने पीड़िता को 10,50,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। इसमें से 80 पर्सेंट राशि की एफडी कराई जाएगी और 20 पर्सेंट राशि बच्ची की जरूरतों पर खर्च की जा सकेगी।